भारत का संविधान

"हम भारतवासी,गंभीरतापूर्वक यह निश्चय करके कि भारत को सार्वभौमिक,लोकतांत्रिक गणतंत्र बनाना है तथा अपने नागरिकों के लिए------- न्याय--सामाजिक,आर्थिक,तथा राजनैतिक ; स्वतन्त्रता--विचार,अभिव्यक्ति,विश्वास,आस्था,पूजा पद्दति अपनाने की; समानता--स्थिति व अवसर की व इसको सबमें बढ़ाने की; बंधुत्व--व्यक्ति की गरिमा एवं देश की एकता का आश्वासन देने वाला ; सुरक्षित करने के उद्देश्य से आज २६ नवम्बर १९४९ को संविधान-सभा में,इस संविधान को अंगीकृत ,पारित तथा स्वयम को प्रदत्त करते हैं ।"

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आज बहुत उदास है दिल.....!!

मंगलवार, 11 नवंबर 2008




आज बहुत उदास-उदास सा है दिल...
क्यूँ भला इस तरह नासाज सा है दिल....
तरन्नुम भी कोई धीमा-धीमा सा है....
कफस में जैसे किसी कैद-सा है दिल....
कुछ बोलने को जी नहीं करता है....
इक गूंगे की आवाज़-सा है दिल.....
किसी का इसपर ध्यान नहीं जाता...
बेवजह बजता साज-सा है दिल.....
दिल से दुश्मनी क्या करें "गाफिल"
किसी मुहब्बते-नाकाम सा है दिल...
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2 टिप्‍पणियां:

Aadarsh Rathore ने कहा…

उम्दा रचना

Alpana Verma ने कहा…

कुछ बोलने को जी नहीं करता है....
इक गूंगे की आवाज़-सा है दिल.....

gungey ki awaaz sa....!

बेवजह बजता साज-सा है दिल.....
bahut khuub!
achchee lagi rachna

 
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