वो रोये तो डर लगता है
मेरी जान में वो बसता है !!
वो हमसे जब भी मिलता है
सहमा-सहमा-सा ही रहता है !!
अक्सर ही शाम हो जाती है
मुझी को वो देखा करता है !!
हमने लाज तिरी रख ली है
तू क्या वरना खुदा लगता है !!
खुशी हरदम तो नहीं मिलती है
गम में बहुत ही बुरा लगता है !!
इक भी साँस रूक जाए है तो
जीवन क्या ये जीवन रहता है !!
क्या वो गम से बेदम हुआ है
कितना तो हंसता ही रहता है !!
हम तो वस्ल के मारे हैं "गाफिल"
हिज्र का क्यूँ तू चर्चा करता है !!
5 टिप्पणियां:
वाह वाह बहुत खूब।
बहुत बढ़िया
---
आप भारतीय हैं तो अपने ब्लॉग पर तिरंगा लगाना अवश्य पसंद करेगे, जाने कैसे?
तकनीक दृष्टा/Tech Prevue
ek baar fir
wah wah wah
ब्लॉग का नाम भूतनाथ ही क्या बुरा था जो स्लोली स्लोली बदल रहे हो /देखिये वो जब भी आपसे मिलता है तो सहमा सा रहता है मतलब आप से आतंकित है /यह सही है की खुशी भी हर दम नहीं मिलती मगर यह भी सही है की गम भी हमेशा नही रहता ""क्या वो गम से बेदम हुआ कितना तो हँसता ही रहता है ""बहुत सुंदर बिल्कुल उस तरह के ::तुम इतना जो मुस्करा रहे हो क्या गम है जिसको छिपा रहे हो "
सच कहा, हम भी वस्ल के मारों में से ही हैं|
एक टिप्पणी भेजें