कौन सी आग मिरे दिल में जल रही है
ये कैसी तमन्ना बार-बार मचल रही है !!
ये कैसी मिरे रब की मसीहाई है हाय-हाय
धुप सर पे और पा पे छाया चल रही है !!
आ-आके कानों में जाने क्या-क्या कहती है
ये कौन-सी शै मिरे साथ-साथ चल रही है !!
कभी थीं खुशियाँ और आज कितने गम हैं
जिंदगी पल-पल कितने रंग बदल रही है !!
इस जिंदगी को क्या तो मैं मायने दूँ उफ़
उम्र कितनी तेजी से "गाफिल" ढल रही है !!
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