भारत का संविधान

"हम भारतवासी,गंभीरतापूर्वक यह निश्चय करके कि भारत को सार्वभौमिक,लोकतांत्रिक गणतंत्र बनाना है तथा अपने नागरिकों के लिए------- न्याय--सामाजिक,आर्थिक,तथा राजनैतिक ; स्वतन्त्रता--विचार,अभिव्यक्ति,विश्वास,आस्था,पूजा पद्दति अपनाने की; समानता--स्थिति व अवसर की व इसको सबमें बढ़ाने की; बंधुत्व--व्यक्ति की गरिमा एवं देश की एकता का आश्वासन देने वाला ; सुरक्षित करने के उद्देश्य से आज २६ नवम्बर १९४९ को संविधान-सभा में,इस संविधान को अंगीकृत ,पारित तथा स्वयम को प्रदत्त करते हैं ।"

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मंगलवार, 13 जनवरी 2009

लोहडी़ की शुभकामनाएँ॥

सुंदर मुंदरिए....हो
तेरा कौण विचारा...हो
दुल्ला भट्टी वाला...हो
दुल्ले दी धी विआही...हो
सेर शक्कर पाई....हो
कुडी़ दे बोझा पाई...हो
कुडी़ दा लाल पटका ...हो
कुडी़ दा सालू पाटा ....हो
सालू कोण समेटे...हो
चाचा चूरी कुट्टे....हो
गिन-गिन पोले लाए....हो
इक पोला रह गया,
सिपाही फड़ के लै गिया
सानूं दे लोहडी़..........
तेरी जीवे जोडी़........
[हिन्दी मिलाप से साभार]
उम्र कितनी तेजी से ढल रही है.....!!

कौन सी आग मिरे दिल में जल रही है
ये कैसी तमन्ना बार-बार मचल रही है !!
ये कैसी मिरे रब की मसीहाई है हाय-हाय
धुप सर पे और पा पे छाया चल रही है !!
आ-आके कानों में जाने क्या-क्या कहती है
ये कौन-सी शै मिरे साथ-साथ चल रही है !!
कभी थीं खुशियाँ और आज कितने गम हैं
जिंदगी पल-पल कितने रंग बदल रही है !!
इस जिंदगी को क्या तो मैं मायने दूँ उफ़
उम्र कितनी तेजी से "गाफिल" ढल रही है !!
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8 टिप्‍पणियां:

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

आप और आपके परिवार के लिये आनेवाला समय शुभ, मंगलमय और स्मृद्धिदायक हो।

संगीता पुरी ने कहा…

आपको भी लोहडी़ की शुभकामनाएँ॥

Kavita Vachaknavee ने कहा…

चन्द्रमौलेश्वर जी द्वारा प्रेषित व टाईप किए इस लोकगीत का आपने अच्छा उपयोग कर लिया।

उन्हें व अपने हिन्दी-भारत समूह को आपकी ओर से धन्यवाद मैं दे देती हूँ।

Udan Tashtari ने कहा…

लोकगीतों की प्रस्तुति मन को भा गई. आपको भी लोहडी़ की शुभकामनाएँ.

seema gupta ने कहा…

आपको भी लोहडी़ की शुभकामनाएँ॥

regards

Amit Kumar Yadav ने कहा…

आपकी रचनाधर्मिता का कायल हूँ. कभी हमारे सामूहिक प्रयास 'युवा' को भी देखें और अपनी प्रतिक्रिया देकर हमें प्रोत्साहित करें !!

दिवाकर प्रताप सिंह ने कहा…

आप और आपके परिवार को भी मकर-संक्राति-पर्व की हार्दिक शुभकामना और बधाई ........

SAHITYIKA ने कहा…

बहुत ही बढ़िया... वक़्त कब बीत जाता है पता ही नहीं चलता... लेकिन जब बीत रहा होता है तब बरसों के बराबर लगता है...

 
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