भारत का संविधान

"हम भारतवासी,गंभीरतापूर्वक यह निश्चय करके कि भारत को सार्वभौमिक,लोकतांत्रिक गणतंत्र बनाना है तथा अपने नागरिकों के लिए------- न्याय--सामाजिक,आर्थिक,तथा राजनैतिक ; स्वतन्त्रता--विचार,अभिव्यक्ति,विश्वास,आस्था,पूजा पद्दति अपनाने की; समानता--स्थिति व अवसर की व इसको सबमें बढ़ाने की; बंधुत्व--व्यक्ति की गरिमा एवं देश की एकता का आश्वासन देने वाला ; सुरक्षित करने के उद्देश्य से आज २६ नवम्बर १९४९ को संविधान-सभा में,इस संविधान को अंगीकृत ,पारित तथा स्वयम को प्रदत्त करते हैं ।"

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शुक्रवार, 5 दिसंबर 2008



मैं तो बहुत छोटा हूँ...मैं इस पर क्या लिखूं....,
हाँ मगर सोचता हूँ...मैं तुझे नगमा-ख्वा लिखूं....!!
एक चिंगारी तो मेरे शब्दों के पल्ले पड़ती नहीं...
जलते हुए सूरज को अब मैं फिर क्या लिखूं.....??
इक महीन सी उदासी दिल के भीतर है तिरी हुई...
नहीं जानता कि इस उदासी का सबब क्या लिखूं...!!
सुबह को देखे हुए शाम तलक मुरझाये हुए देखे..
सदाबहार काँटों की बाबत लिखूं तो क्या लिखूं...??
चाँद ने अक्सर आकर मेरी पलकों को छुआ है..
इस छुवन के अहसास को आख़िर क्या लिखूं...??
कुछ लिखूं तो मुश्किल ना लिखूं तो और मुश्किल
ना लिखूं तो क्या करूँ,अब लिखूं तो क्या लिखूं,
अजीब सी गफलत में रहने लगा हूँ मैं "गाफिल"
तमाम आदमियत के दर्द को आख़िर क्या लिखूं...??
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4 टिप्‍पणियां:

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

बहुत बढ़िया लिखा है।
एक चिंगारी तो मेरे शब्दों के पल्ले पड़ती नहीं...
जलते हुए सूरज को अब मैं फिर क्या लिखूं.....??

"अर्श" ने कहा…

bahot khub likha hai sahab aapne dhero badhi aapko...

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

इक महीन सी उदासी दिल के भीतर है तिरी हुई...
नहीं जानता कि इस उदासी का सबब क्या लिखूं...!!
yun to puri nazam hi bhot badhi hai pr ye paktiyan chu gayin...

Dr. Ravi Srivastava ने कहा…

...बहुत बढ़िया लिखा है।
बधाई स्वीकारें।
आप मेरे ब्लॉग पर आए, शुक्रिया.
आप के अमूल्य सुझावों का 'मेरी पत्रिका' में स्वागत है...

Link : www.meripatrika.co.cc

…Ravi Srivastava
meripatrika@gmail.com

 
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