भारत का संविधान

"हम भारतवासी,गंभीरतापूर्वक यह निश्चय करके कि भारत को सार्वभौमिक,लोकतांत्रिक गणतंत्र बनाना है तथा अपने नागरिकों के लिए------- न्याय--सामाजिक,आर्थिक,तथा राजनैतिक ; स्वतन्त्रता--विचार,अभिव्यक्ति,विश्वास,आस्था,पूजा पद्दति अपनाने की; समानता--स्थिति व अवसर की व इसको सबमें बढ़ाने की; बंधुत्व--व्यक्ति की गरिमा एवं देश की एकता का आश्वासन देने वाला ; सुरक्षित करने के उद्देश्य से आज २६ नवम्बर १९४९ को संविधान-सभा में,इस संविधान को अंगीकृत ,पारित तथा स्वयम को प्रदत्त करते हैं ।"

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दो दिनों पूर्व.....इस माहौल पर.....!!

मंगलवार, 2 दिसंबर 2008


ये विकृत चेहरा किसका है.....??
खून से सना...खून पीता....खून भरा....!!
सबको खौफ दिलाता...,
ये भयानक चेहरा किसका है....??
आंखों में क्रूरता...भावों में दहशत...!!
हाथों में ग्रेनेड.....बम....बन्दूक.....!!.
ये दहशत-गर्द चेहरा किसका है....??
सड़कों पे बिछाता खून......,
किसी को बेवा..किसी को लावारिश...
और किसी को बनाता मरहूम.....!
सबको करता असहाय...
ये कहर बरपाता चेहरा किसका है....??
देता है ये अपनी कैफियत....
कि ये उनका जेहाद है....!!
उनपर हुए इतने ज़ुल्म.....
इन्होने सहे इतने अत्याचार...
अब उसको हम लौटायेंगे....,
हम हर मासूम का खून....
सरेआम सड़कों पे बहायेंगे....!!
ये धूल भरा चेहरा किसका है....??
कहतें हैं हमसे बात करो...
हमारी मांगों पर कान धरो....!!
वरना किसी को नहीं छोडेंगे....!!
सिखलाते हैं सबको कि....
जिनपर हुए ज़ुल्म.....
वो बन्दूक उठा ले...
मानवता का खून कर दें....
बमों से गलबहियां...
और ह्त्या से दोस्ती करता
ये खूंखार चेहरा किसका है....??
मैं सोचता हूँ अक्सर...
हर किसी पर तो कितने ज़ुल्म हुए...!!
कितने सबने गम सहे...
कोई ब्राहमण किसी दलित पर....
कोई क्षत्रिय किसी अन्य पर....
बीते ज़माने में क्या-क्या नहीं बीता....
आओ अब सबको याद करें....
कन्धों पर बन्दूक उठाकर...
हाथों में बम..ग्रेनेड..हथियार...
चलो इंसानियत को नाच नचायें...
आओ हम सब ...........
अब जेहादी बन जाएँ.....!!??
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1 टिप्पणी:

डॉ .अनुराग ने कहा…

किसका चेहरा ?ये इंसान नही है भाई ........

 
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