भारत का संविधान

"हम भारतवासी,गंभीरतापूर्वक यह निश्चय करके कि भारत को सार्वभौमिक,लोकतांत्रिक गणतंत्र बनाना है तथा अपने नागरिकों के लिए------- न्याय--सामाजिक,आर्थिक,तथा राजनैतिक ; स्वतन्त्रता--विचार,अभिव्यक्ति,विश्वास,आस्था,पूजा पद्दति अपनाने की; समानता--स्थिति व अवसर की व इसको सबमें बढ़ाने की; बंधुत्व--व्यक्ति की गरिमा एवं देश की एकता का आश्वासन देने वाला ; सुरक्षित करने के उद्देश्य से आज २६ नवम्बर १९४९ को संविधान-सभा में,इस संविधान को अंगीकृत ,पारित तथा स्वयम को प्रदत्त करते हैं ।"

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रात को कोई रोया था !!

सोमवार, 27 अक्तूबर 2008

रात को कोई रोया था !!
रात आँख खुल गयी
एक सपने ने छुआ था !
आँख बड़ी नम थी,
शायद रात को मैं रोया था !!
आज वो खिल-खिल उठा
बीज जो मैंने बोया था !!
देर तक सोता ही रहा
बड़े ही दिनों से सोया था!!
आज वो बिखर ही गया
ख्वाब जो मैंने संजोया था !
मुझसे प्यार मांगता था
खुदा रु-ब-रु रोया था !!
था वो जनाजे में शामिल
जिसने मुझे डुबोया था !!
वो मेरे नजदीक था, पर
करवट बदल कर सोया था !
उसके आंसुओं से "गाफिल"
अपना जिस्म भिंगोया था !!
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2 टिप्‍पणियां:

महेश लिलोरिया ने कहा…

भूतनाथ भाई जबर्दस्त!
था वो जनाजे में शामिल जिसने मुझे डुबोया था...
बहुत खूब मैं आपकी सारी पोस्ट पढ़ रहा हूं।
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।

सदा ने कहा…

Behtreen shabd sanyojan.......

 
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