भारत का संविधान

"हम भारतवासी,गंभीरतापूर्वक यह निश्चय करके कि भारत को सार्वभौमिक,लोकतांत्रिक गणतंत्र बनाना है तथा अपने नागरिकों के लिए------- न्याय--सामाजिक,आर्थिक,तथा राजनैतिक ; स्वतन्त्रता--विचार,अभिव्यक्ति,विश्वास,आस्था,पूजा पद्दति अपनाने की; समानता--स्थिति व अवसर की व इसको सबमें बढ़ाने की; बंधुत्व--व्यक्ति की गरिमा एवं देश की एकता का आश्वासन देने वाला ; सुरक्षित करने के उद्देश्य से आज २६ नवम्बर १९४९ को संविधान-सभा में,इस संविधान को अंगीकृत ,पारित तथा स्वयम को प्रदत्त करते हैं ।"

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मेरी तस्वीर को सीने से लगाता क्यूँ है...!!

गुरुवार, 5 फ़रवरी 2009

मुझसे ना मिलने की कसम खाता क्यूँ है ?
मेरी तस्वीर को सीने से लगाता क्यूँ है ?
अनदिखा सा रहता है क्यूँ मुझको यारब
और लोगों से मिरा दीदार कराता क्यूँ है ?
वक्त मरहम है,दिल को तसल्ली देता है,गर
तो फ़िर वो हमें खंजर चुभाता क्यूँ है ?
दिल को मेरे भी जरा तपिश तो ले लेने दे
साए से मेरे धुप चुरा कर ले जाता क्यूँ है ?
हश्र तक भी जो पूरे ना हों ऐसे मिरे यारब
सपने हम सबको दिखाता है,दिखाता क्यूँ है ?
तेरे चक्कर में घनचक्कर हुआ हूँ मैं "गाफिल"
मेरी मर्ज़ी के खिलाफ मुझे चलाता क्यूँ है ?

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एक बात तो बता अ दोस्त......
तुझे प्यार करना अच्छा लगता है......
या नफरत करना..........??
धत्त.......
ये भी भला कोई पूछने की बात है.....
प्यार करना.....और क्या....!!
क्यूँ....अ मेरे दोस्त ??
क्यूंकि प्यार से ही दुनिया....
दुनिया बनी हुई रहती है.....!!
हुम्म्म्म्म्म्म्म
बस मेरे दोस्त.....
मुझे तुझसे यही पूछना था....!!
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6 टिप्‍पणियां:

Vineeta Yashsavi ने कहा…

Achhi kavita.

Vineeta Yashsavi ने कहा…

Achhi kavita.

लाल और बवाल (जुगलबन्दी) ने कहा…

वक्त मरहम है,दिल को तसल्ली देता है,गर
तो फिर वो हमें खंजर चुभाता क्यूँ है ?
क्या बात कही भूतनाथ साहब दिल को छू जाने वाली। बस इन्हीं वुजुहात से तो और लोगों के साथ साथ हम भी आपके मुरीद हुआ करते हैं।

Akanksha Yadav ने कहा…

बहुत सुन्दर लिखा आपने, बधाई.
कभी मेरे ब्लॉग शब्द-शिखर पर भी आयें !
नई प्रस्तुति है- अभी से चढ़ने लगा वैलेंटाइन डे का खुमार!!

daanish ने कहा…

वक्त मरहम है दिल को तसल्ली देता है गर
तो फिर वो हमें खंजर चुभता क्यों है

बहुत ही उम्दा शेर कहा है जनाब
पूरी ही ग़ज़ल पढने से दिल को सुकून मिलता है
बधाई .........
---मुफलिस---

निर्मला कपिला ने कहा…

bahut khoobsurat bhavavyakti hai bdhai

 
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