भारत का संविधान

"हम भारतवासी,गंभीरतापूर्वक यह निश्चय करके कि भारत को सार्वभौमिक,लोकतांत्रिक गणतंत्र बनाना है तथा अपने नागरिकों के लिए------- न्याय--सामाजिक,आर्थिक,तथा राजनैतिक ; स्वतन्त्रता--विचार,अभिव्यक्ति,विश्वास,आस्था,पूजा पद्दति अपनाने की; समानता--स्थिति व अवसर की व इसको सबमें बढ़ाने की; बंधुत्व--व्यक्ति की गरिमा एवं देश की एकता का आश्वासन देने वाला ; सुरक्षित करने के उद्देश्य से आज २६ नवम्बर १९४९ को संविधान-सभा में,इस संविधान को अंगीकृत ,पारित तथा स्वयम को प्रदत्त करते हैं ।"

Visitors

जिंदगी-जिंदगी-जिंदगी-जिंदगी !!

रविवार, 12 जुलाई 2009

कब यहाँ से वहाँ.....कब कहाँ से कहाँ ,
कितनी आवारा है ये मेरी जिंदगी !!
जिंदगी-जिंदगी-जिंदगी-जिंदगी !!
कभी बनती सबा कभी बन जाती हवा ,
कितने रंगों भरी है मेरी ये जिंदगी !!
जिंदगी-जिंदगी-जिंदगी-जिंदगी !!
नाचती कूदती-चिडियों सी फूदती ,
चहचहाती-खिलखिलाती मेरी जिंदगी !!
जिंदगी-जिंदगी-जिंदगी-जिंदगी !!
याद बनकर कभी,आह बनकर कभी ,
टिसटिसाती है अकसर मेरी जिंदगी !!
जिंदगी-जिंदगी-जिंदगी-जिंदगी !!
जन्म से मौत तक,खिलौनों से ख़ाक तक
किस तरह बीत जाती है ये तन्हाँ जिंदगी !!
जिंदगी-जिंदगी-जिंदगी-जिंदगी !!
Share this article on :

4 टिप्‍पणियां:

मुकेश कुमार तिवारी ने कहा…

भूतनाथ जी,

अच्छी रचना है पूरी जिन्दगी के विन्यास के समेटे हुये :-

जिन्दगी, जिन्दगी, जिन्दगी, जिन्दगी
एक फलसफा है जो धूप ने पढाया
घुटनों पे लगी चोटों ने सिखाया
आदमी नापता रह गया पके बालों से
हिसाब भर रह गया क्या खोया क्या पाया

सादर,

मुकेश कुमार तिवारी
जिन्दगी, जिन्दगी, जिन्दगी, जिन्दगी

BrijmohanShrivastava ने कहा…

तूने रंजो अलम के सिवा क्या दिया
आँख हम से मिला बात कर जिन्दगी
इक तरफ मौत है इक तरफ जिंदगी

hem pandey ने कहा…

'जन्म से मौत तक,खिलौनों से ख़ाक तक
किस तरह बीत जाती है ये तन्हाँ जिंदगी'
-जिन्दगी जीने के पने अपने अंदाज हैं. कोई हँस हँस के जी लेता है कोई रो रो के.

महावीर ने कहा…

सुन्दर रचना है.
ये पंक्तियाँ बहुत अच्छी लगीं:

याद बनकर कभी,आह बनकर कभी ,
टिसटिसाती है अकसर मेरी जिंदगी !!

जन्म से मौत तक,खिलौनों से ख़ाक तक
किस तरह बीत जाती है ये तन्हाँ जिंदगी !!

 
© Copyright 2010-2011 बात पुरानी है !! All Rights Reserved.
Template Design by Sakshatkar.com | Published by Sakshatkartv.com | Powered by Sakshatkar.com.