tag:blogger.com,1999:blog-5696222042701010142.post7842399312686137695..comments2023-10-26T04:02:10.411-07:00Comments on बात पुरानी है !!: जिंदगी-जिंदगी-जिंदगी-जिंदगी !!राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ )http://www.blogger.com/profile/07142399482899589367noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-5696222042701010142.post-80746393562924178592009-07-21T11:10:43.498-07:002009-07-21T11:10:43.498-07:00सुन्दर रचना है.
ये पंक्तियाँ बहुत अच्छी लगीं:
य...सुन्दर रचना है. <br />ये पंक्तियाँ बहुत अच्छी लगीं: <br /><br />याद बनकर कभी,आह बनकर कभी ,<br />टिसटिसाती है अकसर मेरी जिंदगी !!<br /><br />जन्म से मौत तक,खिलौनों से ख़ाक तक<br />किस तरह बीत जाती है ये तन्हाँ जिंदगी !!महावीरhttps://www.blogger.com/profile/00859697755955147456noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5696222042701010142.post-88301178595001742592009-07-21T06:09:04.171-07:002009-07-21T06:09:04.171-07:00'जन्म से मौत तक,खिलौनों से ख़ाक तक
किस तरह बीत ...'जन्म से मौत तक,खिलौनों से ख़ाक तक<br />किस तरह बीत जाती है ये तन्हाँ जिंदगी'<br />-जिन्दगी जीने के पने अपने अंदाज हैं. कोई हँस हँस के जी लेता है कोई रो रो के.hem pandeyhttps://www.blogger.com/profile/08880733877178535586noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5696222042701010142.post-1900280456286901722009-07-16T13:31:42.463-07:002009-07-16T13:31:42.463-07:00तूने रंजो अलम के सिवा क्या दिया
आँख हम से मिला बा...तूने रंजो अलम के सिवा क्या दिया <br />आँख हम से मिला बात कर जिन्दगी <br />इक तरफ मौत है इक तरफ जिंदगीBrijmohanShrivastavahttps://www.blogger.com/profile/04869873931974295648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5696222042701010142.post-83786715511360523952009-07-13T00:27:12.805-07:002009-07-13T00:27:12.805-07:00भूतनाथ जी,
अच्छी रचना है पूरी जिन्दगी के विन्यास ...भूतनाथ जी,<br /><br />अच्छी रचना है पूरी जिन्दगी के विन्यास के समेटे हुये :-<br /><br />जिन्दगी, जिन्दगी, जिन्दगी, जिन्दगी<br />एक फलसफा है जो धूप ने पढाया <br />घुटनों पे लगी चोटों ने सिखाया <br />आदमी नापता रह गया पके बालों से <br />हिसाब भर रह गया क्या खोया क्या पाया <br /><br />सादर,<br /><br />मुकेश कुमार तिवारी<br />जिन्दगी, जिन्दगी, जिन्दगी, जिन्दगीमुकेश कुमार तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/04868053728201470542noreply@blogger.com