भारत का संविधान

"हम भारतवासी,गंभीरतापूर्वक यह निश्चय करके कि भारत को सार्वभौमिक,लोकतांत्रिक गणतंत्र बनाना है तथा अपने नागरिकों के लिए------- न्याय--सामाजिक,आर्थिक,तथा राजनैतिक ; स्वतन्त्रता--विचार,अभिव्यक्ति,विश्वास,आस्था,पूजा पद्दति अपनाने की; समानता--स्थिति व अवसर की व इसको सबमें बढ़ाने की; बंधुत्व--व्यक्ति की गरिमा एवं देश की एकता का आश्वासन देने वाला ; सुरक्षित करने के उद्देश्य से आज २६ नवम्बर १९४९ को संविधान-सभा में,इस संविधान को अंगीकृत ,पारित तथा स्वयम को प्रदत्त करते हैं ।"

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गाफिल की ग़ज़ल.....??

शुक्रवार, 19 फ़रवरी 2010


मैं भूत बोल रहा हूँ..........!!
()

अरे चला भी जा तू,मुझे ना तबाह कर !!
मुझे देख इस कदर,तू यूँ ना हंसा कर !!
कोई टिक ना सका,मेरे रस्ते में आकर !!
वफ़ा यहाँ फालतू है,जफा कर जफा कर !!
तू प्यार चाहता है ??,मेरे पास बैठा कर !!
तुझे सुकून मिलेगा,इधर को आया कर !!
दुनिया बदल रही है,गाफिल तू भी बदल !!
(२)

प्यार की इन्तेहाँ उरियां हो
जैसे इक नदिया दरिया हो !!
इक पल में फुर्र हो जाती है
उम्र गोया उड़ती चिडिया हो !!
तुझसे क्या-क्या मांगता हूँ
तेरे आगे अल्ला गिरिया हो !!
मैं तो चाहता ही हूँ कि मुझसे
हर इक ही इंसान बढ़िया हो !!
सुख-दुःख गोया ऐसे भईया
गले में हीरों की लड़ियाँ हों !!
तुमसे कहना चाहता हूँ ये मैं
तुम बढ़िया हो बस बढ़िया हो !!
इतना बढ़िया जी जाऊं"गाफिल"
अल्ला भी कहे कि बढ़िया हो !!



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3 टिप्‍पणियां:

shikha varshney ने कहा…

bhoot shayeri bhi karte hain vo bhi itni badhiya..kamal hai.

कविता रावत ने कहा…

तुझे सुकून मिलेगा,इधर को आया कर !!
दुनिया बदल रही है,गाफिल तू भी बदल !!
Wah bhai bhootnath ji bahut khub kahi aapne...
Bahut shubhkamnaynen....

कविता रावत ने कहा…

तुझे सुकून मिलेगा,इधर को आया कर !!
दुनिया बदल रही है,गाफिल तू भी बदल !!
Wah bhai bhootnath ji bahut khub kahi aapne...
Bahut shubhkamnaynen....

 
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