भारत का संविधान

"हम भारतवासी,गंभीरतापूर्वक यह निश्चय करके कि भारत को सार्वभौमिक,लोकतांत्रिक गणतंत्र बनाना है तथा अपने नागरिकों के लिए------- न्याय--सामाजिक,आर्थिक,तथा राजनैतिक ; स्वतन्त्रता--विचार,अभिव्यक्ति,विश्वास,आस्था,पूजा पद्दति अपनाने की; समानता--स्थिति व अवसर की व इसको सबमें बढ़ाने की; बंधुत्व--व्यक्ति की गरिमा एवं देश की एकता का आश्वासन देने वाला ; सुरक्षित करने के उद्देश्य से आज २६ नवम्बर १९४९ को संविधान-सभा में,इस संविधान को अंगीकृत ,पारित तथा स्वयम को प्रदत्त करते हैं ।"

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ऐ दादी...ऐ भौजी...ऐ भईया..ऐ फौजी....होलिया जवान बा....!!

मंगलवार, 10 मार्च 2009


वो क्या कहते हैं ना........... सेम टू यू........... और सेम टू आल.........
हमने डाल दिया है हम सब पर रंग..... अबीर और गुलाल.... और अपने प्यार का रंग भी लाल-लाल.....
आज तो हम भईया नाचेंगे डाल-डाल और मचाएंगे बवाल......... क्यूंकि ये भूतों की इज्ज़त का है सवाल....
आज हम सब कुछ उलट-पुलट कर जायेंगे अगर होली है कोई औरत तो हम मर्द.... और होली ही है मर्द..... तो हम जनानी बन जायेंगे......!!
होली हमारे बाप की दादी है भईया..... हम इसकी माँ की नानी बन जायेंगे..... अरे वाह फ्री होकर कित्ता मज़ा आता है.... कभी-कभी बच्चा बनना भी बड़ा भाता है.....!!
होली की यही तो खासियत है प्यारे.... कि इस दिन बच्चा तो बच्चा.... हर बड़ा भी इक बच्चा ही बन जाता है... हर कोई एक ही रंग से रंग जाता है.... बड़े और छोटे का ख्याल ही गुम हो जाता है.... नौकर भी मालिक के संग रास रचाता है.....
अगर ऐसा ही है प्यारे.... तो फिर क्यों नहीं कुछ ऐसा हो जाए.... होली का रंग साल के हर दिन पर छा जाए..... आदमी अपनी जात-बेजात.....काला-गोरा.... धर्म-अधर्म.....पैसा-बेपैसा.....वर्ग-बेवर्ग..... ये सारा ही कुछ भूल-भाल कर सही अर्थों में बस इक आदमी ही बन जाए....
होली तो साल भर में इक बार ही आती है भईया अगर हम अपने प्यार को अपनी सोच पर तरजीह दे सकें.... तो आदमी के जीवन का हर दिन ही प्यार के रंगों भरी होली हो जाए.....!! आदमी हर दिन सबसे ये कहता जाए.... आज सोमवार की होली मुबारक हो आज मंगलवार की होली मुबारक हो.....
अरे भौजी आ आज छुट्टी का दिन कुछ यों कर लें.... तेरे पति को हिसाब-किताब से बाहर निकाल.... आज रविवार की होली मुबारक हो.....
कि सारा-रा-रा-रा-रा-रा-.... बोलो कि सारा-रा-रा-रा-रा-रा-रा-.... फगुनवा आया रे भईया सारा-रा-रा-रा-रा-रा- आदमी के मन-मितवा.....सारा-रा-रा-रा-रा-रा- अरी कहाँ हो ओ हमरी लुगयिया अरे घुटाओ ना तनी भंग का रंग..... हमपे भी आ चढी है होली की तरंग.... अरे हमरे साथ मिलकर गाओ सररारारारारा- जोगीड़ा सारारारारारारारारा जोगीजी सारारारारारारारारारा- फगुनवा साररारारारारा हडीसा....सारारारारारारारारा सजनवा सारारारारारारारारा......!!!!!
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7 टिप्‍पणियां:

शोभा ने कहा…

वाह बहुत सुन्दर प्रस्तुति। होली मुबारक।

Udan Tashtari ने कहा…

आपको होली की मुबारकबाद एवं बहुत शुभकामनाऐं.
सादर
समीर लाल

सुशील छौक्कर ने कहा…

वाह। आपको रंगो की होली मुबारक।

लाल और बवाल (जुगलबन्दी) ने कहा…

क्या बात है भूतनाथ जी वाह वाह! क्या रंगीन होली हुई आपकी। अहा! आपको होली की बहुत बहुत शुभकामनाएं।

बेनामी ने कहा…

रंग बिरंगी होली की शुभकामना.

Archana Chaoji ने कहा…

होलिया रंगीन बा!!!सा रारारा सा रारारा,
बुधवार की होली मुबारक!!!

ghughutibasuti ने कहा…

बढ़िया है। हर दिन खेलेंगे तो हमारे सफेद बालों का क्या हाल होगा?
होली की शुभकामनाएँ।
घुघूती बासूती

 
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