भारत का संविधान

"हम भारतवासी,गंभीरतापूर्वक यह निश्चय करके कि भारत को सार्वभौमिक,लोकतांत्रिक गणतंत्र बनाना है तथा अपने नागरिकों के लिए------- न्याय--सामाजिक,आर्थिक,तथा राजनैतिक ; स्वतन्त्रता--विचार,अभिव्यक्ति,विश्वास,आस्था,पूजा पद्दति अपनाने की; समानता--स्थिति व अवसर की व इसको सबमें बढ़ाने की; बंधुत्व--व्यक्ति की गरिमा एवं देश की एकता का आश्वासन देने वाला ; सुरक्षित करने के उद्देश्य से आज २६ नवम्बर १९४९ को संविधान-सभा में,इस संविधान को अंगीकृत ,पारित तथा स्वयम को प्रदत्त करते हैं ।"

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मेरी सच्ची-मुच्ची की ईद मना दे !!

मंगलवार, 30 सितंबर 2008

अ चाँद ! आ आज !! ई ईद है !!
ऐ , एक बार सिर्फ़ -
ऊ ,उर्स-सी रौशनी की चादर बनकर ,
ओ ,ओस की शीतल महक होकर ,
औ ,और कुरान की पाक इबारत-सा ,
अं ,अंग-अंग में मेरे आकर छा जा !!
अः,अंततः मुझे सूरज बना जा !!
क , कालिमा की एक लकीर हूँ मैं !
ख,खुदी से बिल्कुल परे हूँ मैं !
ग, गाफिल हूँ मैं तुझ-तक से भी !
घ, घायल हूँ किस तीर का मैं ?
च,चुप क्यूँ है तू बोल ना ?
छ,छुपा हुआ है तू अब तक कहाँ ?
ज ,जहाँ भर में मैं तुझे ढूंढें फिरूँ!!
झ,झाडू-सा तू अब मुझे बुहार !!
ट ,टट्टू-सा मुझे जोत दिया !
ठ,ठठेरों के आगे फ़ेंक दिया !
ड ,डमरू-सा ना मुझे और बजा !
ढ,ढूंढता हूँ तुझे,अब मिल भी जा !!
त ,ताक रहा हूँ मैं सारी राह तेरी !
थ,थकती नहीं कभी आँखे मेरी !
द,देखता है तू मुझे अब क्या ?
धः,धधक रहा है ये सीना मेरा !
न ,नाफ़रमानी कभी करूंगा नहीं !
प ,प्रीत की डोरियाँ बाधुंगा मैं !
फ,फलक-सा अब तू मुझे बना दे !
ब ,बच्चों-सा मुझे निर्मल कर दे !
भ,भगत तो तेरा हो ही गया हूँ !
म ,माँगता हूँ जो,मुझे वर दे !
य ,यार तू बेमिसाल बन जा मेरा !
र ,राह की पतवार बन जा मेरा !
ल ,लड़कपन खेल में गवां चुका मैं !
व् ,वां के अब सब भेद बता दे !
स ,साफ़-स्वच्छ-सा सब दिखा दे !
श,शंख-नाद अब मुझमें बजा दे !
ह ,हाँ-हाँ मेरे यार तू आज -
मेरी सच्ची-मुच्ची की ईद मना दे !!
आज मुझे तू पुरे चाँद-सा खिला दे !!
मुझसे सबको गले लगा दे !
आज मुझको सबसे गले लगा दे !!!!
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