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....भारत में तो आज शिक्षा ही क्या हर क्षेत्र में कार्य और उसकी योजना के मामले में एक सा ही हाल है... ये जो विकास आदि हमें दिख पड़ता है...या उसकी बातें चारों और सुनाई देती हैं....वो भारत कौन सा है और कितना सा है, समझ ही नहीं आता...हमारे चारों तरफ़ यह जो भूखा,नंगा,बिना छत का,सम्मान से विहीन,नख-दंतहीन,श्रीहीन भारत मुझे,हमें,हम सबको दिखलाई देता है....कहीं यह हमारा भ्रम ही तो नहीं,बल्कि सच्चा भारत वो ही हो,जिसकी चर्चा आज चारों ओर व्याप्त है...जो रौशनी से चकाचौंध है...और जिसकी दुहाई देते देश की नामी-गिरामी पत्रिकाएं नहीं थकती......!!??
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....भारत में तो आज शिक्षा ही क्या हर क्षेत्र में कार्य और उसकी योजना के मामले में एक सा ही हाल है... ये जो विकास आदि हमें दिख पड़ता है...या उसकी बातें चारों और सुनाई देती हैं....वो भारत कौन सा है और कितना सा है, समझ ही नहीं आता...हमारे चारों तरफ़ यह जो भूखा,नंगा,बिना छत का,सम्मान से विहीन,नख-दंतहीन,श्रीहीन भारत मुझे,हमें,हम सबको दिखलाई देता है....कहीं यह हमारा भ्रम ही तो नहीं,बल्कि सच्चा भारत वो ही हो,जिसकी चर्चा आज चारों ओर व्याप्त है...जो रौशनी से चकाचौंध है...और जिसकी दुहाई देते देश की नामी-गिरामी पत्रिकाएं नहीं थकती......!!??
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1 टिप्पणी:
लगता नही यह भूतनाथ ने लिखा है ! शुभकामनायें !
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