तकते-तकते......राह......
आँख थक गई होगी....
रूह जिस्म से निकल कर....
कहीं और चली गई होगी.....
आने वाले के कदम.....
किसी और दिशा में......
मुड़ गए होंगे.....
रात भी थक कर....
सो गई होगी.....
सुबह किसी बच्चे-सी निकल,
मचल गई होगी.....
आने वाला कुछ सोचता होगा....
सबा बहकती हुई-सी......
कानों में कुछ कहती-सी होगी....
जिस्म से इक......
धुंआ-सा निकलता होगा....
सोच में कुछ पिघलता....
हुआ-सा होगा....
आने वाला आता ही होगा....
साँस भी थम-सी गई होगी...
आने वाला बस.....
अभी ही आने को है......
दिल की हर धड़कन...
सुबक कर रह गई होगी....
आने वाला..........बस...
आया ही आया.....
मगर....ऐ दिल....
आने वाले को गर....
आना ही होता...
तो अब तक......
आ ही ना जाता...!!
आँख थक गई होगी....
रूह जिस्म से निकल कर....
कहीं और चली गई होगी.....
आने वाले के कदम.....
किसी और दिशा में......
मुड़ गए होंगे.....
रात भी थक कर....
सो गई होगी.....
सुबह किसी बच्चे-सी निकल,
मचल गई होगी.....
आने वाला कुछ सोचता होगा....
सबा बहकती हुई-सी......
कानों में कुछ कहती-सी होगी....
जिस्म से इक......
धुंआ-सा निकलता होगा....
सोच में कुछ पिघलता....
हुआ-सा होगा....
आने वाला आता ही होगा....
साँस भी थम-सी गई होगी...
आने वाला बस.....
अभी ही आने को है......
दिल की हर धड़कन...
सुबक कर रह गई होगी....
आने वाला..........बस...
आया ही आया.....
मगर....ऐ दिल....
आने वाले को गर....
आना ही होता...
तो अब तक......
आ ही ना जाता...!!
1 टिप्पणी:
waise aapne apna naam bhoothnath kyun rakha hai?
ya shaayad maine bekaar hi poocha
naame me rakha kya hai?
kuch akhshar hi hai to mode hue
kai riston ko jode hue
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