पलट जाते हम अगर.... पूरी दास्ताँ ही बदल जाती...
जो विरह से भर तुम्हें....ऐसी तन्हाई मिल ना पाती.....!!
अपने दिल पे जज्ब करके ख़ुद को तुझसे दूर किया....
वगरना कहाँ तुम्हे इस सागर-सी गहराई मिल भी पाती...!!
सुकून है मुझे अब तन्हां-तन्हां वीरान-सा फ़िर रहा हूँ ,
मेरी तन्हाई तक मुझसे मिलने मुझतक आ नहीं पाती !!
1 टिप्पणी:
lagta hai aapse milna bahut kathin hai
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