कुछ भी छिपाया ना जाएगा.....
फिर भी पराया हो जायेगा....!!
सबको ये इल्हाम है मगर....
सबसे छिपाया ही जायेगा...!!
आदम की तरह खुदा भी इक दिन
मर जाएगा या मारा जाएगा !!
सअबको है सबसे ही कुछ गिला
तू किसको मुहब्बत करवाएगा ?
अपनों से अपनों में मची जंग...
फिर गैरों से क्या कह पायेगा...?
ग़ज़ल के नाम पर यह बक-बक
यार तू सबको कितना सताएगा !!
तुम्हें लगे जो आसा ,वो कर लो....
"गाफिल"तो मुश्किलें भगायेगा..!!
8 टिप्पणियां:
आदम की तरह खुदा भी इक दिन
मर जाएगा या मारा जाएगा !!
bahot khub likha hai aapne dhero badhai aapko sahab.....
क्या वह जिंदा है अभी तक ?
घुघूती बासूती
आदम की तरह खुदा भी इक दिन
मर जाएगा या मारा जाएगा !!
????????????????
माफ़ी चाहूँगा, काफी समय से कुछ न तो लिख सका न ही ब्लॉग पर आ ही सका.
आज कुछ कलम घसीटी है.
आपको पढ़ना तो हमेशा ही एक नए अध्याय से जुड़ना लगता है. यूँ ही निरंतर लिखते रहिये
आज मेरे ब्लॉग पर आपकी टिप्पणी देख कर सोचा आप सचमुच ही भूतनाथ हो ,ब्लॉग तो पढा ही साथ ही टिप्पणी भी पढीं /अपनों से अपनों की मची जंग फिर गैरों से क्या कह पायेगा बहुत प्यारी बात /फमिली कोर्ट के अधिकारी की पत्नी से सुबह से झगडा हो रहा था ११ बजे वे बोले अब मुझे आफिस जाना है आज एक पति पत्नी में सुलह करवाना है /गजल के नाम पर बक बक /गजल के एक शेर पर एक एनासीन बात ही खत्म /एक गजल में लगभग चार पाँच शेर तो होते ही है तो उतनी चाय पक्की /
सबको है सबसे ही कुछ गिला
तू किसको मुहब्बत करवाएगा ?
अपनों से अपनों में मची जंग...
फिर गैरों से क्या कह पायेगा...?
अच्छी गज़ल है। खासकर ये दो शेर तो बेहद उम्दा हैं। बधाई स्वीकारें।
ग़ज़ल के नाम पर यह बक-बक
यार तू सबको कितना सताएगा !!
आनंद आ गया भय्या!
आदम की तरह खुदा भी इक दिन
मर जाएगा या मारा जाएगा !!
सच कहा .पर उसे मरे तो एक अरसा हुआ दोस्त !
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