भारत का संविधान

"हम भारतवासी,गंभीरतापूर्वक यह निश्चय करके कि भारत को सार्वभौमिक,लोकतांत्रिक गणतंत्र बनाना है तथा अपने नागरिकों के लिए------- न्याय--सामाजिक,आर्थिक,तथा राजनैतिक ; स्वतन्त्रता--विचार,अभिव्यक्ति,विश्वास,आस्था,पूजा पद्दति अपनाने की; समानता--स्थिति व अवसर की व इसको सबमें बढ़ाने की; बंधुत्व--व्यक्ति की गरिमा एवं देश की एकता का आश्वासन देने वाला ; सुरक्षित करने के उद्देश्य से आज २६ नवम्बर १९४९ को संविधान-सभा में,इस संविधान को अंगीकृत ,पारित तथा स्वयम को प्रदत्त करते हैं ।"

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रविवार, 24 अप्रैल 2011

एक ब्लॉग से लौट कर बिना किसी क्षमायाचना के......!!

एक ब्लॉग से लौट कर बिना किसी क्षमायाचना के...... प्रश्न :मुस्लिम ब्लोगर यह बताएं क्या यह पोस्ट हिन्दुओ के भावनाओ पर कुठाराघात नहीं करती. सन्दर्भ :http://blostnews.blogspot.com/                   हरीश जी,हालांकि इस विषय के विरुद्द कुछ लिखने का मन तो नहीं होता,किन्तु माननीय अनवर जी (और कतिपय अन्य लोगों के भी)के सामान्य ज्ञान हेतु कुछ बताने से खुद को मैं रोक नहीं पा रहा हूँ कि लिंग और योनि पूजन सिर्फ वर्तमान भारतीय धर्म के अंश नहीं...
बुधवार, 6 अप्रैल 2011

घुटने में बुद्धि किसी की नहीं होती प्यारे !!

घुटने में बुद्धि किसी की नहीं होती प्यारे !! ज़माना बेशक आज बहुत आगे बढ़ चूका होओ,मगर स्त्रियों के बारे में पुरुषों के द्वारा कुछ जुमले आज भी बेहद प्रचलित हैं,जिनमें से एक है स्त्रियों की बुद्धि उसके घुटने में होना...क्या तुम्हारी बुद्धि घुटने में है ऐसी बातें आज भी हम आये दिन,बल्कि रोज ही सुनते हैं....और स्त्रियाँ भी इसे सुनती हुई ऐसी "जुमला-प्रूफ"हो गयीं हैं कि उन्हें जैसे कोई फर्क ही नहीं पड़ता इस जुमले से...मगर...
शनिवार, 2 अप्रैल 2011

जय भारत....जय हिन्दुस्तान....

जय भारत....जय हिन्दुस्तान.... ये जीत भारत के जज्बे की है...अनुशासन की है....और टीम भावना की है..... इस जीत का सबक यह है कि अगर भारत अन्य क्षेत्रों में भी यही टीम भावना-अनुशासन और जज्बे से काम करे तो वह हर क्षेत्र में दुनिया का सिरमौर बन सकता है.... भारत के लोगों को चाहिए कि वो देखें कि किस तरह देश के एक होना चाहिए और अपने स्वार्थ त्याग कर भारत के हित में कार्य करना चाहिए....
शनिवार, 2 अप्रैल 2011

हुर्रा.....जीत गए.....वन्दे मातरम्.....भारत जिंदाबाद.......!!!

हुर्रा.....जीत गए.....वन्दे मातरम्.....भारत जिंदाबाद.......!!...
शनिवार, 2 अप्रैल 2011

झूठ,झूठ,झूठ,मुंबई सचिन की कर्मभूमि नहीं है !!

झूठ,झूठ,झूठ,मुंबई सचिन की कर्मभूमि नहीं है !! भारत इस विश्वकप के फाईनल में क्या पहुंचा है,कि भारत की जीत की उम्मीदों के साथ सचिन के सर पर भी भारत के तमाम लोगों की उम्मीदों का बोझ आन पडा है और यह भी कि सचिन मुंबई के वानखेड़े में अपने शतकों का शतक पूरा करेंगे और यह भी कि मुंबई जो सचिन की कर्मभूमि है !!मुंबई सचिन की जन्मस्थली है,इस बात से तो अपन को कोई एतराज नहीं है मगर मुंबई सचिन की कर्मभूमि है,इस बात से अपन इत्तेफाक नहीं...
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