............जीवन तो संघर्षों की आंच में पक-कर ही निखरता है....उसमें एक गहराई भी तभी आती है...उसी गहराई से आदमी,आदमी कहलाने लायक बनता है.. और जिनका नाम लेकर आपने लिखा है....वो नाम भी पैदा होता है.....असल में संघर्ष किए हुए व्यक्ति के प्रति हमारे दिल में सम्मान की एक अतिरिक्त भावना होती है....जो उसके संघर्ष को हमारा सलाम होती है....बेशक हम ख़ुद कोई काम,कोई संघर्ष करें या ना करें....मगर एक संघर्ष किए हुए तपे हुए....और साथ ही जो ईमानदार भी हो,व्यक्ति से डरतें भी हैं.....(ध्यान रहे मैं यहाँ बेशर्म किस्म के स्वार्थी लोगों की बात नहीं कर रहा....)हमारी पहचान दरअसल हमारा कर्म ही तो होते हैं....अकर्मन्यों को तो समाज सिरे से ही नकार देता है....तो हम देखते हैं कि आदमी का आदमी की देह के रूप में जन्म लेना ही काफ़ी नहीं होता,वरन उसे अपने-आप को साबित भी करना होता है...ये साबित करना ही तपने की शुरुआत होती है....और जीवन जब तलक तोड़ देने का हद तक संघर्ष पैदा करता है....आदमी उन परिस्थितियों से जूझ कर.....उनको हरा कर ख़ुद को साबित करता है....भाई मेरे यही तो जीवन है..... ....भाई मेरे यही तो जीवन है..... और क्या.......!!!!
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यही तो जीवन है ना.............!!!!
शुक्रवार, 2 जनवरी 2009
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14 टिप्पणियां:
सच कहा भूत भाई !
सत्य वचन . भूत बनने के बाद आप को समझ मे आई यह बात और भूत बनने से पहले हमें बता दी . धन्यबाद इंसान ऐसी पते की बात नही बताते
यह सही कि आदमी aag में tap tap कर ही nikharta है /iimaandaar लोग itraane lagte है जैसे iimaandaar rahkar देश और लोगों पर बड़ा ahsaan कर रहे हैं
कह तो सच ही रहे हो।
sach kaha.....
और जीवन जब तलक तोड़ देने का हद तक संघर्ष पैदा करता है....आदमी उन परिस्थितियों से जूझ कर.....उनको हरा कर ख़ुद को साबित करता है....भाई मेरे यही तो जीवन है..... ....भाई मेरे यही तो जीवन है.....
सच कहा यही तो जीवन है.....
blog pr aane k liye sukriya pr aap apni tasveer badal len mujhe dar lagta hai....
mast post hai sir
bahut hi gahari baaten likh rahey hain aap !!!!!!!!
Very true and well said, I wish you write about life and death also.
Thanks
कल 19/12/2011को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
sach kaha aapne sangarsh hi jeevan hai
मिश्री की डली ज़िंदगी हो चली par aapka swagat hai
बहुत सच कहा है...सुंदर और प्रेरक आलेख..
वाह . बहुत उम्दा,सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति . हार्दिक आभार आपका ब्लॉग देखा मैने और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.
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