भारत का संविधान

"हम भारतवासी,गंभीरतापूर्वक यह निश्चय करके कि भारत को सार्वभौमिक,लोकतांत्रिक गणतंत्र बनाना है तथा अपने नागरिकों के लिए------- न्याय--सामाजिक,आर्थिक,तथा राजनैतिक ; स्वतन्त्रता--विचार,अभिव्यक्ति,विश्वास,आस्था,पूजा पद्दति अपनाने की; समानता--स्थिति व अवसर की व इसको सबमें बढ़ाने की; बंधुत्व--व्यक्ति की गरिमा एवं देश की एकता का आश्वासन देने वाला ; सुरक्षित करने के उद्देश्य से आज २६ नवम्बर १९४९ को संविधान-सभा में,इस संविधान को अंगीकृत ,पारित तथा स्वयम को प्रदत्त करते हैं ।"

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शनिवार, 10 नवंबर 2012

समय सबका हिसाब किताब साफ़ करेगा !!

मैं भूत बोल रहा हूँ..........!!    कुछ सालों पहले की बात है एक ताकतवर किरायेदार हुआ करते थे,जो बरसों से एक शहर में उस शहर के सबसे पाश और व्यापारिक इलाके में अवस्थित अपेक्षाकृत कमजोर व्यक्ति के व्यापारिक प्रोपर्टी पर किरायेदार थे,और बरसों से उन्होंने अपने मकान मालिक को अपने राजनैतिक रसूख और ताकत के बल पर किराया देना भी बंद कर रखा था मगर उस जगह के कई पार्ट कर उन्होंने कई किरायेदार लगा रखे थे और इस तरह वो इस हराम की संपत्ति से हज़ारों रूपये हर माह कमा रहे थे और मकान मालिक उनका मूहँ ताक रहा...
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