भारत का संविधान

"हम भारतवासी,गंभीरतापूर्वक यह निश्चय करके कि भारत को सार्वभौमिक,लोकतांत्रिक गणतंत्र बनाना है तथा अपने नागरिकों के लिए------- न्याय--सामाजिक,आर्थिक,तथा राजनैतिक ; स्वतन्त्रता--विचार,अभिव्यक्ति,विश्वास,आस्था,पूजा पद्दति अपनाने की; समानता--स्थिति व अवसर की व इसको सबमें बढ़ाने की; बंधुत्व--व्यक्ति की गरिमा एवं देश की एकता का आश्वासन देने वाला ; सुरक्षित करने के उद्देश्य से आज २६ नवम्बर १९४९ को संविधान-सभा में,इस संविधान को अंगीकृत ,पारित तथा स्वयम को प्रदत्त करते हैं ।"

Visitors

बुधवार, 31 अगस्त 2011

क्या हम सब एक जंगल में रहते हैं.....??

क्या हम सब एक जंगल में रहते हैं.....??? मैं भूत बोल रहा हूँ..........!!    क्या हम सब एक जंगल में रहते हैं.....??..........जंगल.....!!यह शब्द जब हमारी जीभ से उच्चारित होता है....तब हमारे जेहन में एक अव्यवस्था...एक कुतंत्र...एक किस्म की अराजकता का भाव पैदा हो जाया करता है....इसीलिए मानव-समाज में जब भी कोई इस प्रकार की स्थिति पैदा होती है तो हम अक्सर इसे तड से जंगल-तंत्र की उपमा दे डालते हैं.....मगर अगर एक...
शुक्रवार, 26 अगस्त 2011

कुछ मुद्दे....जो हमारे लिए वांछित होने चाहिए....!!

मैं भूत बोल रहा हूँ..........!! कुछ मुद्दे....जो हमारे लिए वांछित होने चाहिए....!! मिस्टर राहूल,तुम्हारे कहने अनुसार अगर लोकपाल भी भ्रष्ट होगा तो तुम प्लीज़ चिंता मत करो,उसे जनता बदल देगी,ठीक उसी तरह जिस तरह आने वाले चुनावों में वह तुम समस्त लोगों को बदल देने वाली है....!! ओ संसद के तमाम सांसदों,तुम सब जिस तरह जन-लोकपाल के प्रश्न पर जिस तरह का दोहरा आचरण कर रहे हो,उसका प्रत्युत्तर जनता तुम्हें जल्द ही देने वाली है,तुम जैसे तमाम सांसदों का अबकी बार संसद से सफाया होकर ही रहेगा,तुम्हारा धनबल,बाहुबल या कोई भी छल-कपट...
बुधवार, 24 अगस्त 2011

अब अगर अन्ना को कुछ हुआ तो.......!!

अब अगर अन्ना को कुछ हुआ तो.......!!              दोस्तों कल रात टीम-अन्ना के साथ हुई बातचीत को सत्ता के अहंकार ने विफल कर कर दिया है,क्योंकि सभी दलों के सांसदों के साथ हुई बातचीत में हमारे देश के,हमारी सेवा करने के लिए हमारे द्वारा चुने गए हमारे जन-प्रतिनिधियों ने बेमिसाल और अपूर्व एका दिखाया....उससे हमारे द्वारा नियुक्त किये गए इन जन-प्रतिनिधियों  की स्वार्थ-मंशा बिलकुल साफ़-साफ़ उजागर होती है,और यह भी स्पष्ट होता है कि संसद और विधानसभाओं में भेजे गए हमारे जन-प्रतिनिधियों...
रविवार, 14 अगस्त 2011

जश्न मनाइए दोस्तों....कि अब तो हम आजाद हैं !!

जश्न मनाइए दोस्तों....कि अब तो हम आजाद हैं !!                       दोस्तों,हर साल की भांति इस साल भी यह आज़ादी का दिवस हमारे माथे पर खडा है.हमारे चारों और देश-प्रेम के गीत थोक के भाव में सुनाई दे रहे हैं और संजोग ऐसा है कि समस्त भारत में इसमें हो रहे घोटालों के गूँज और इसकी अनुगूंज समस्त विश्व में हो रही है.भारत आज चरित्र के सबसे निचले पायदान पर खडा है और भ्रष्टतम  देशों का सिरमौर !!सिरमौर का क्या अर्थ होता है,क्या वो आप जानते हैं....सिरमौर...
मंगलवार, 2 अगस्त 2011

सबसे बड़ा डंडा खुद का चरित्र है.....क़ानून नहीं ......!!

सबसे बड़ा डंडा खुद का चरित्र है.....क़ानून नहीं ......!!               हम रोज-ब-रोज तरह-तरह के अपराधों के बारे में पढ़ते हैं,सुनते हैं और साथ ही बड़े लोगों के अपराधों के बारे या अपराधियों को सज़ा देने के लिए तरह-तरह के आयोग या कमीशन बैठाए जाने के बारे सुना करते हैं,मगर बाद में यह भी देखते हैं कि दरअसल कुछ भी होता जाता नहीं है और मैं आपको सच बताता हूँ दोस्तों कि आगे भी कुछ होने जाने को नहीं है या कहूँ कि कभी कुछ होगा ही नहीं......                ...
Pages (26)1234567 Next
 
© Copyright 2010-2011 बात पुरानी है !! All Rights Reserved.
Template Design by Sakshatkar.com | Published by Sakshatkartv.com | Powered by Sakshatkar.com.